
-प्रवीन मिश्रा, गाज़ियाबाद
गाजियाबाद में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो गई है। नगर निगम की 7 मार्च 2025 को हुई बोर्ड बैठक में तुराब नगर बाजार का नाम बदलकर ‘सीताराम बाजार’ और पकौड़ा चौक का नाम ‘अयोध्या चौक’ रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी पार्षदों ने इस बदलाव को मंजूरी दी।
नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?
वार्ड 88 के पार्षद नीरज गोयल ने बताया कि तुराब नगर बाजार का नाम अरबी भाषा से जुड़ा है, जिसका अर्थ ‘मिट्टी, धूल, सूखी ज़मीन’ होता है। जबकि यह बाजार महिलाओं के श्रृंगार, शुभ विवाह सामग्रियों और वस्त्रों की खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में, बाजार की पवित्रता और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए इसे ‘सीताराम बाजार’ नाम देने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे नगर निगम ने मंजूरी दे दी। इसी तरह, इस बाजार के बीच में स्थित ‘पकौड़ा चौक’, जो अब तक एक अनौपचारिक नाम से जाना जाता था, को ‘अयोध्या चौक’ नाम दिया गया है। पार्षद नीरज गोयल ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बदलाव स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को मजबूती देगा।
गाजियाबाद में कई जगहों के नामकरण को मिली हरी झंडीनगर निगम बोर्ड बैठक में अन्य महत्वपूर्ण नामकरण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई—राजनगर एक्सटेंशन में रिवर हाइट्स के सामने स्थित गोल चक्कर का नाम ‘भगवान परशुराम चौक’ रखा जाएगा।ALT रोड से रईसपुर मोड़ तक जाने वाले मार्ग को ‘भारत रत्न चौधरी चरण सिंह मार्ग’ नाम दिया गया।पुराना विजयनगर क्षेत्र की फ्री-होल्ड कॉलोनियों की मकान संख्या के पुनर्गठन का प्रस्ताव भी पारित हुआ, जिससे स्थानीय निवासियों को पत्राचार और सरकारी दस्तावेजों से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलेगी।गाजियाबाद का नाम बदलने पर अभी भी सस्पेंसगौरतलब है कि जनवरी 2024 में नगर निगम ने गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन एक साल बाद भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नगर निगम के हालिया फैसलों के बाद अब लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या गाजियाबाद का नाम भी बदलेगा या यह प्रस्ताव सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहेगा।बाजारों और चौकों का बदलता स्वरूपनगर निगम के इन फैसलों के बाद गाजियाबाद के ऐतिहासिक बाजार और चौक नई पहचान के साथ उभरेंगे। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने इस बदलाव का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे शहर की सांस्कृतिक विरासत को और मजबूती मिलेगी।