कविता

माँ, तुम्हें शायद पता नहीं,
तुम हो सबसे प्यारी;
तुम्हारे आगे तो फीकी लगती है,
ये सारी दुनिया सारी।

जब पहनती हो तुम साड़ी,
तो लगती हो सबसे सुंदर, सबसे न्यारी।
मैं करती हूँ तुम्हें बहुत तंग,
फिर भी दिखाती हो बस प्यार के रंग।

तुम्हारा दिल है जैसे कोई फूल,
और तुम हो सच में एकदम कूल।
फिर क्यों रोई थी तुम,
जब मैं पहली बार स्कूल गई थी खुल?

अगर स्कूल के लिए हो जाऊं मैं लेट,
तो छोड़ने आती हो मुझे स्कूल गेट के आगे स्टेट।
पता नहीं कैसे कहूं थैंक यू,
कि तुमने दी मुझे मेरी बर्थ डेट का व्यू।

तुम्हारे बिना जीना है मुश्किल हर एक दिन,
हर बार जब जीतूं, तुम देती हो मुझे कोई गिफ्ट या टिन।
ना देखती हो लेफ्ट, ना देखती हो राइट,
बस मुझे देखती हो—because you are my light.

माँ, तुम हो मेरी मनी,
कभी नहीं होने देती किसी चीज़ की कमी।
लगता है सच में,
तुम हो सिर्फ मेरे लिए ही बनी।

Mom, तुम हो सबसे बेस्ट,
अब थोड़ी देर ले लो तुम रेस्ट।
मेरे पास हैं और भी गिफ्ट्स,
बस अगला देखना है तुम्हारा टेस्ट!


— नादर रंधावा

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