
–Sakshi Singh
World Day Against Child Labour
बच्चे जो इस देश का भविष्य है आने वाले कल की उम्मीद है, वही कलम पकड़ने की उम्र मे अपने नन्हें से हाथो मे घर का बोझ उठाने लगे तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य क्या होगा क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है?अभी इन कदमो ने चलना सिखा ही था की, ज़िमेदारी के बोझ ने इन्हें दबा दिया, बाल श्रम बचपन और समाज के लिए बड़ा खतरा हैं, बाल श्रम का सबसे बड़ा कारण गरीबी है, दुनिया भर में लाखों बच्चे गरीबी के कारण बाल श्रम का शिकार होते हैं | गरीबी में पड़े माँ बाप इतने लाचार हो जाते हैं, ना चाहते हुए भी उन्हें अपने बच्चों पर आय के लिए निर्भर होना पड़ता है ! गरीबी के कारण ना तो बच्चे पढ पाते हैं ना ही उन्हें स्वस्थ भोजन मिल पता है , काई बार सरकार इस गंभीर मुद्दे पर सामने आई और लाखो बच्चो को मुफ़्त शिक्षा और भोजन देने का संकल्प लिया | 15, अगस्त 1995 भारत में मिड-डे मील योजना को एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू किया गया, इस योजना का मकसद ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षित करना और उन्हें पोस्टिक भोजन देना था ताकी गरीबी के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहे 2009 के तहत यह सुनिश्चित किया गया . 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त भोजन (मिड-डे मील योजना) अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान लिया गया | सरकार के इतने प्रयास के बाद भी भारत के कई क्षेत्रों में बाल श्रम देखा जाता है, आज भी भारत का भविष्य कहीं न कहीं मजदूरी कर रहा है, बाल श्रम एक जटिल मुद्दा है जिसके लिए हुमे जागरुक होने की आवश्यकता है। कानून को मजबूत करके और शिक्षा को बढ़ावा देकर, हम एक ऐसे भविष्य की दिशा में काम कर सकते हैं जहां हर बच्चा अपने बचपन का आनंद ले सके और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके।