
By Sakshi Singh
चंद्रग्रहण 2025 (Chandra Grahan) 7-8 सितंबर को दिल्ली में चंद्रग्रहण के दौरान दिखेगा खूबसूरत ‘ब्लड मून’
भारत 7-8 सितंबर 2025 की रात एक पूर्ण चंद्रग्रहण का साक्षी बनेगा, जिसे ‘ब्लड मून’ के रूप में भी जाना जाता है। यह चंद्रग्रहण देशभर में दिखाई देगा, जिसमें मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहर भी शामिल हैं। यहां जानें सितंबर 2025 के इस चंद्रग्रहण के समय, दृश्यता और इससे जुड़ी अहम जानकारियां।
ब्लड मून: एशिया और यूरोप में लाखों लोग देखेंगे खूबसूरत चंद्रग्रहण, जब चांद होगा लाल
एशिया और यूरोप के करोड़ों लोग 7 और 8 सितंबर की रात एक अद्भुत खगोलीय नज़ारे के गवाह बनेंगे। इस दौरान पूरा चांद धरती की छाया में आ जाएगा और उसका रंग गहरा लाल हो जाएगा, जिसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।
कब है चंद्रग्रहण:
भारतीय समय के अनुसार, 8 सितंबर की तड़के करीब 2:41 बजे (IST) चंद्रग्रहण अपने चरम पर पहुंचेगा। इस समय चांद पूरी तरह से धरती की काली छाया (अंबरल शैडो) में होगा। जब चांद पूरी तरह इस छाया में छिप जाता है, उसे ‘टोटालिटी’ कहते हैं, और इस बार यह स्थिति लगभग 82 मिनट तक बनी रहेगी।
इस चंद्रग्रहण को एशिया, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कई हिस्सों में साफ तौर पर देखा जा सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया की 77% आबादी को यह पूरा चंद्रग्रहण देखने का मौका मिलेगा।
क्या होता है चंद्रग्रहण के दौरान:
जब चंद्रमा पृथ्वी की बाहरी छाया, जिसे पेनुम्ब्रा कहा जाता है, में प्रवेश करता है, तो चंद्रग्रहण की शुरुआत होती है। इसके बाद जैसे-जैसे चंद्रमा और गहराई में पृथ्वी की मुख्य छाया यानी अंबर (Umbra) में पहुंचता है, उसकी सतह पर एक गहरा साया पड़ता है। जब चंद्रमा पूरी तरह इस छाया में डूब जाता है, तो पूर्ण चंद्रग्रहण (Totality) होता है, और चंद्रमा का रंग नारंगी-लाल दिखाई देने लगता है।
इस रंग का स्वरूप इस बात पर निर्भर करता है कि ग्रहण के समय पृथ्वी का वायुमंडल कैसा है। यदि वातावरण में धूल या धुंध अधिक हो, तो चंद्रमा और भी गहरा लाल या तांबे जैसा दिखाई दे सकता है।
7-8 सितंबर को होने वाला यह चंद्रग्रहण चंद्रमा के पेरिजी (Perigee) के ठीक 2.7 दिन पहले हो रहा है — पेरिजी वह बिंदु होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब होता है। इस कारण, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा बड़ा दिखाई देगा।
जब चंद्रमा पृथ्वी की गहरी छाया (Umbra) से गुज़रेगा, तब वह एक गहरे, चमकीले लाल रंग में चमकता हुआ दिखाई देने की उम्मीद है।
चंद्रग्रहण 2025: इसे ‘ब्लड मून’ क्यों कहा जाता है?
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में सीधी रेखा में आ जाती है और अपनी छाया चंद्रमा पर डालती है, तो उसे चंद्रग्रहण कहा जाता है। यह घटना तीन प्रकार की हो सकती है:
- पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse): जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में छिप जाता है और गहरे लाल रंग में चमकता है।
- आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclipse): जब चंद्रमा का केवल कुछ हिस्सा छाया में आता है।
- अर्धछायाकीय चंद्रग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse): जब चंद्रमा हल्की छाया में आता है और उसमें थोड़ा-सा धुंधलापन नजर आता है।
जब चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा गहरे लाल या नारंगी रंग में नजर आता है, तो इसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। यह रंग ‘रेली स्कैटरिंग’ (Rayleigh Scattering) नामक एक प्राकृतिक प्रक्रिया के कारण होता है — यही प्रक्रिया है जो आसमान को नीला और सूरज ढलते समय आसमान को लाल दिखाती है।
जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर चंद्रमा तक पहुंचता है, तो उसमें मौजूद नीली रोशनी बिखर जाती है और केवल लाल, नारंगी जैसे गर्म रंग चंद्रमा तक पहुंचते हैं। यही कारण है कि पूर्ण चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा लाल दिखाई देता है और इसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।