दिल्ली में भारतीय हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों का अद्वितीय समागम

-भारतीय हैंडीक्राफ्ट्स एवं हैंडलूम्स की विरासत का भव्य उत्सव

-देशभर के कारीगरों ने दिखाया अपनी कला का जादू

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी स्थित नेशनल सेंटर फॉर हेरिटेज टेक्सटाइल (हैंडलूम हाट) जनपथ में “कारीगरी: प्रदर्शनी” का भव्य उद्घाटन हुआ। यह प्रदर्शनी भारत के विभिन्न प्रांतों के हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों की उत्कृष्टता का अद्वितीय प्रदर्शन है। इस आयोजन का सूत्रपात अंबपाली हस्तकरघा और हस्तशिल्प बहुराज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य भारतीय कारीगरों की सृजनशीलता को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाना है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। आयोजक संस्था की अध्यक्ष अर्चना सिंह ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन के उद्देश्य और महत्त्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर मुख्य अतिथियों में भारत सरकार में वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हथकरघा), डॉ. एम. बीना, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) सुश्री अमृत राज, एमएसएमई के प्रतिनिधि श्री सुभाष और सिडबी के मुख्य प्रबंधक श्री एस आर मीणा शामिल रहे।मुख्य अतिथियों ने अपने उद्बोधनों में भारतीय कारीगरों के योगदान की प्रशंसा की। डॉ. एम. बीना ने कहा, “भारतीय हैंडलूम इंडस्ट्रीज हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह न केवल लाखों कारीगरों के जीवन-यापन का आधार है, अपितु हमारी सभ्यता और संस्कृति का जीवंत स्वरूप भी है। ऐसे आयोजन इस उद्योग को प्रोत्साहन देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुश्री अमृत राज ने अपने वक्तव्य में कहा, “भारतीय हैंडीक्राफ्ट्स अपनी अद्वितीयता और गुणवत्तापूर्ण कृतियों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। ‘कारीगरी’ जैसे आयोजन कारीगरों को प्रोत्साहित करते हैं और उनके उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने का माध्यम बनते हैं।”इस प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, और आंध्र प्रदेश से आए कारीगरों ने अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया। इनमें बनारसी साड़ी, कांचीपुरम सिल्क, राजस्थान के ब्लॉक प्रिंट, कश्मीर के पश्मीना शॉल, मध्य प्रदेश के चंदेरी एवं महेश्वरी वस्त्र, उत्तर-पूर्व के बाँस हैंडीक्राफ्ट, खाद्य पदार्थों से संबंधित उत्पाद एवं अन्य हस्तनिर्मित कृतियाँ सम्मिलित हैं।प्रदर्शनी में 60 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें हैंडीक्राफ्ट्स, हैंडलूम्स एवं एग्रो प्रोडक्ट्स का समावेश है। दर्शकों में इन उत्पादों के प्रति विशेष उत्साह देखा जा रहा है। यह प्रदर्शनी 9 जनवरी 2025 तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से शाम 8 बजे तक निःशुल्क जनसामान्य के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी में हर दिन देश की विविधता को दर्शाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।अंबपाली हस्तकरघा और हस्तशिल्प बहुराज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड की अध्यक्ष अर्चना सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय हैंडीक्राफ्ट्स एवं हैंडलूम्स इंडस्ट्रीज वर्तमान में अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा, “कारीगरों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना एवं उन्हें नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण देना समय की आवश्यकता है। सरकार इस दिशा में कार्यरत है, इन प्रयासों की गति को तीव्र करने की आवश्यकता है।”मुख्य अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन एवं कारीगरों से संवाद किया। अतिथियों ने कारीगरों की कृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और उन्हें प्रोत्साहित किया। ‘कारीगरी’ प्रदर्शनी भारतीय हैंडीक्राफ्ट्स एवं हैंडलूम्स उद्योग के गौरव का जीवंत प्रतिबिंब है। यह न केवल कारीगरों को मंच प्रदान करती है, अपितु दर्शकों को भारतीय कला और संस्कृति के निकट लाने का प्रयास भी करती है। आयोजकों एवं कारीगरों ने इस आयोजन को सफल बनाने हेतु सभी आगंतुकों एवं मीडिया का आभार व्यक्त किया।

Share this post
  • The National Times

    The National Times with motto 'हर ख़बर देश के नाम' is mainly focused to Bringing the nation to your screen with up-to-the-minute coverage, insightful analysis, and a wide range of stories that matter most to you. The National Times is dedicated to keeping you updated with the latest headlines and in-depth analysis from around the world. The National Times brings you breaking news, expert commentary, and exclusive stories on politics, entertainment, buisness & sports to keep you informed 24/7. Subscribe for your daily dose of news, directly to your feed."

    Related Posts

    अशोक योगी जी बने वाइस चेयरमैन MSME

    भारत सरकार के MSME, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत भारत में प्रथम और विश्व के द्वितीय सबसे बड़े MSMe,s के संगठन *एम. एस. एम. ई. प्रमोशन कौंसिल…

    Share this post
    Read more

    गोरक्षा हेतु केंद्र सरकार एवं समस्त राजनीतिक दलों के लिए अंतिम अवसर- ‘ गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस’

    अपने भारत देश में गौमाता को सर्वाधिक पूज्या माना गया है। एक ओर जहाँ ‘गावो विश्वस्य मातरः‘ कहकर गाय को समस्त विश्व की माता कहा गया है तो वहीं ‘पशवो…

    Share this post
    Read more

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *