
नई दिल्ली – दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र हितों की विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अभाविप के नेतृत्व वाला दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ द्वारा चलाया जा रहा अनिश्चितकालीन धरना आज छठे दिन भी जारी रहा। कड़ी धूप और मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं धरना स्थल में डटे हुए हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी जस की तस बनी हुई है। धरना स्थल पर छात्रों का उत्साह और मनोबल लगातार बना हुआ है। अभाविप के कार्यकर्ता लगातार गीत गाकर और नारे लगाकर अपनी एकता और संघर्ष का संकल्प दोहरा रहे हैं। इसी क्रम में आज धरना स्थल पर अभाविप ने ‘ कारगिल विजय दिवस ‘ पर ओपन माइक कंपटीशन का आयोजन कर भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को याद किया।
ज्ञात हो कि अभाविप ने पीजी पाठ्यक्रमों में “एक कोर्स एक फीस” की नीति लागू करने, केंद्रीकृत हॉस्टल आवंटन प्रणाली, कॉलेजों में आंतरिक शिकायत समितियों का गठन और सक्रिय संचालन एवं मनमानी फीस वृद्धि को वापस लेने जैसी छात्रहितकारी मांगें उठाई थीं। इनमें से केवल हॉस्टल प्रणाली की मांग को आंशिक रूप से स्वीकार किया गया, लेकिन शेष मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन मौन बना हुआ है। अभाविप का कहना है कि छात्र अधिकारों की इस लड़ाई में प्रशासन की चुप्पी न केवल निराशाजनक है, बल्कि यह छात्रों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता को भी उजागर करती है।
अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि,“छठा दिन हो गया है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अब भी सो रहा है। लगता है छात्रों की आवाज़ पर भी उनके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। क्या यह वही विश्वविद्यालय है जो विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने की बात करता है? हम दिल्ली विश्वविद्यालय के खिलाफ़ ऐसे ही धरना करता रहेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती है।”