
31 अगस्त 2025 को कालकाजी पीपल्स फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित पूर्व केंद्रीय मंत्री व उपाध्यक्ष (गांधी स्मृति) श्री विजय गोयल जी द्वारा दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर एक भव्य ‘विचार गोष्ठी कार्यक्रम’, लक्ष्मीनारायण मंदिर, ई-ब्लॉक, कालकाजी (दक्षिण दिल्ली) में आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक कालकाजी पीपल्स फाउंडेशन की चीफ पैटर्न श्री कपिल गर्ग व संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती कंचन गर्ग ने किया। कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से आर.डब्ल्यू.ए. के पदाधिकारी व विभिन्न सुप्रसिद्ध संस्थाओं के पदाधिकारी इस कार्यक्रम में भारी संख्या में मौजूद रहे। साथ ही कालकाजी क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता व आम जनमानस भी भारी संख्या में इस विचार गोष्ठी में सम्मिलित रहे और आवारा कुत्तों के काटने की समस्या को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की।

लोक अभियान के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री विजय गोयल ने इस ‘विचार गोष्ठी’ के माध्यम से कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बताया कि दिल्ली में लगभग हर गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों का झुंड प्रायः देखने को मिलता है, जिससे उनके अंदर हमेशा डर और भय का माहौल बना रहता है, कि कहीं कुत्ता हमारे ऊपर हमला ना कर दे। हर साल हजारों लोग डॉग-बाइट का शिकार होते हैं, जिनमें बच्चों और बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। डॉग-बाइट के चलते रेबीज जैसी गंभीर बीमारी का भी खतरा बना रहता है, जिसका समय पर इलाज न मिलने पर मौत भी हो जाती है। कई बार आवारा कुत्ते स्कूल जाते हुए बच्चों और साइकिल या स्कूटी चालकों पर भी हमला कर देते हैं। आवारा कुत्तों की ’नसबंदी और टीकाकरण अभियान’ धीमा है, जबकि बीमारी की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कई बार इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा है कि नागरिकों का जीवन और सुरक्षा सर्वोपरि है। साथ ही जानवरों के साथ क्रूरता नहीं की जा सकती। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों को मारना नहीं है, अपितु उन्हें पकड़कर वैक्सीनेट और नसबंदी किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और नगर निगमों को यह निर्देश दिया है कि वे डॉग-बाइट पीड़ितों को मुआवजा दें, जन-जागरूकता अभियान चलाएं, टीकाकरण और नसबंदी की प्रभावी योजना लागू करें। कोर्ट ने यह साफ कह दिया है कि सभी नगर निगम नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करें, कि कितने कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन वर्तमान में हुआ है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना कि यह मुद्दा केवल पशु-प्रेम बनाम मानव-अधिकार नहीं है, अपितु जन-स्वास्थ्य और नागरिक सुरक्षा का प्रश्न भी है। विचार गोष्ठी के माध्यम से श्री गोयल ने यह भी बताया कि मैं आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर लंबे समय से इस मुद्दे को उठाते आ रहा हूं। दिल्ली की जनता खासकर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग रोजाना आवारा कुत्तों के आतंक का सामना करते हैं। दिल्ली सरकार और एम.सी.डी. केवल एक-दूसरे पर दोषारोपण करते हैं। परिणाम स्वरूप आम जनता को इस खींचतान का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

‘विचार गोष्ठी’ कार्यक्रम के अंत में पुनः गोयल जी ने अपने संदेश में कहा कि नसबंदी और वैक्सीनेशन अभियान को तेज और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। दिल्ली में ’पर्याप्त संख्या में डॉग शेल्टर (आश्रय गृह) बनाए जाने चाहिए। डॉग-बाइट पीड़ितों को तुरंत और मुफ्त इलाज व मुआवजा’ उपलब्ध कराया जाना चाहिए। लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि कुत्तों को खुले में खाना खिलाने के बजाय एक निश्चित स्थान पर ही खाना खिलाया जाए। विजय गोयल जी ने यह पुनः दोहराया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर दिशा-निर्देश दे दिए हैं तो दिल्ली सरकार और एम.सी.डी. को तुरंत मिलकर कोई ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए। यह मुद्दा सिर्फ ’पशु-प्रेम का नहीं अपितु जन-स्वास्थ्य, सुरक्षा और नागरिक अधिकारों का मामला भी है, क्योंकि मानव सुरक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।