
6 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली स्थितकान्स्टिटूशन क्लब ऑफ इंडियामें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें नैशनल फेडरैशन ऑफ अर्बन कोआपरैटिव बैंक एण्ड क्रेडिट सोसायटीज (NAFCUB) द्वारा आयोजित होने वाले आगामी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन“को-ऑप कुंभ 2025”की औपचारिक घोषणा की गई। यह शीर्ष संगठन देशभर के 1,500 से अधिक शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) और लगभग 60,000 क्रेडिट सोसाइटीज़ का प्रतिनिधित्व करता है।

यह दो दिवसीय वैश्विक सम्मेलन10–11 नवम्बर 2025कोविज्ञान भवन, नई दिल्लीमें आयोजित किया जाएगा, जिसेभारत सरकार के सहकारिता मंत्रालयका समर्थन प्राप्त है।“डिजिटलाइजिंग ड्रीम्स – एम्पावरिंग कम्युनिटीज़”विषय पर आधारित यह सम्मेलन भारत की सहकारी यात्रा में एक ऐतिहासिक अवसर है औरअंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025का उत्सव भी मनाएगा।इस सम्मेलन का उद्देश्य नीति निर्माताओं, नियामकों, सहकारी नेताओं, तकनीकी विशेषज्ञों, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों तथा शिक्षाविदों को एक साथ लाना है, ताकि एकडिजिटल रूप से सशक्त और समावेशी सहकारी ऋण पारिस्थितिकी तंत्रके लिए मार्ग प्रशस्त किया जा सके।मीडिया को संबोधित करते हुएश्री लक्ष्मी दास, अध्यक्ष, NAFCUB ने कहा कि—“को-ऑप कुंभ 2025केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि डिजिटल युग में सहकारी वित्त को पुनर्परिभाषित करने का एक सामूहिक आंदोलन है। संवाद, नवाचार और साझा दृष्टिकोण के माध्यम से हम समुदायों को सशक्त बनाने और वित्तीय समावेशन की सहकारी नींव को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।”को-ऑप कुंभ 2025में नीति नवाचार, सुशासन सुधार, तकनीकी प्रगति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे विषयों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। चर्चाओं में यह भी विचार किया जाएगा किभारत सरकार के “सहकार से समृद्धि” मिशनके अनुरूप किस प्रकार व्यावसायिकता को बढ़ाया जाए, पारदर्शिता को प्रोत्साहित किया जाए, और शहरी सहकारी बैंकों व क्रेडिट सोसाइटीज़ के डिजिटल परिवर्तन को तीव्र किया जाए।कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र मेंकेंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाहमुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे। श्री सुरेश प्रभु, अध्यक्ष, राष्ट्रीय सहयोग नीति समिति (भारत सरकार), पूर्व अध्यक्ष, सारस्वत सहकारी बैंक, पूर्व बोर्ड सदस्य, NAFCUB एवं NCUI तथा पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।इस आयोजन की एक प्रमुख विशेषता“दिल्ली घोषणा 2025 – रोडमैप टू 2030”का अंगीकरण होगा, जो एक दूरदर्शी नीति दस्तावेज़ है और सहकारी संस्थाओं में सुशासन, पूंजी पर्याप्तता, जोखिम प्रबंधन और डिजिटल समावेशन को सुदृढ़ करने की रणनीतियों को रेखांकित करेगा।सम्मेलन में विविध विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रमुख रूप से सहकारी बैंकिंग में कॉर्पोरेट गवर्नेंस और प्रोफेशनलिज़्म, एनयूसीएफ़डीसी (NUCFDC) की भूमिका और सहकारिताओं के बीच सहयोग, तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल परिवर्तन, सहकारिताओं में महिलाओं और युवाओं की भूमिका—नेतृत्व, नवाचार और समावेशन, तथा अंतर्राष्ट्रीय संवाद के अंतर्गत क्रेडिट यूनियनों और वित्तीय समावेशन पर विचार-विमर्श शामिल होंगे।वर्ल्ड काउंसिल ऑफ क्रेडिट यूनियंस (WOCCU), ग्रीनस्टोन फार्म क्रेडिट सर्विसेज (USA) तथा भारत के प्रमुख सहकारी साझेदारों के विशेषज्ञ इसमें अपने वैश्विक अनुभव और नवाचार साझा करेंगे।मीडिया को संबोधित करते हुएश्री ज्योतिन्द्र मेहता, अध्यक्ष, NUCFDC, ने कहा—“को-ऑप कुंभ 2025 सहकारी ऋण आंदोलन के लिए एक नए युग का प्रतीक है। यह विचारों, नवाचार और समावेशन का संगम है; जहाँ तकनीक और विश्वास एक साथ आते हैं। हमारा लक्ष्य एक ऐसा डिजिटल रूप से सशक्त सहकारी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो समाज के हर सदस्य की समृद्धि सुनिश्चित करे।”इस सम्मेलन के अपेक्षित परिणामों में “दिल्ली घोषणा 2025” का अंगीकरण, सहकारिता मंत्रालय, भारतीय रिज़र्व बैंक और राज्य सरकारों के लिए नीतिगत अनुशंसाएँ प्रस्तुत करना, देशी और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी संस्थानों के बीच नई साझेदारियाँ एवं समझौता ज्ञापनों (एमओयू) की स्थापना, डिजिटल नवाचार और सुशासन पर आधारित ज्ञान-संग्रह का निर्माण, तथा सहकारी आंदोलन में महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व को सशक्त बनाना शामिल हैं।1,500 से अधिकशहरी सहकारी बैंकों, 60,000 क्रेडिट सोसाइटीज़, और WOCCU, ICA, ICBA, ACCU सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी के साथ, को-ऑप कुंभ 2025 एक ऐतिहासिक मंच के रूप में स्थापित होगा, जोआत्मनिर्भर भारतऔरडिजिटल इंडियाके स्तंभ के रूप में सहकारिता की भूमिका को पुनः स्थापित करेगा।इस पहल के माध्यम से NAFCUB भारत के सहकारी क्षेत्र कोसमावेशी, नैतिक एवं डिजिटल रूप से सशक्त वित्तीय मॉडलके रूप में वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का प्रयास कर रहा है, जिससे सतत विकास और सामुदायिक लचीलापन को बढ़ावा मिल सके।





